Red Light Area = लाल बत्ती
वह इलाका होता है जहाँ वेश्यावृत्ति और उससे जुड़े कार्य सामान्यतया होते हैं। पुराने समय में ऐसे इलाकों में लाल बत्ती जलाई जाती थी ताकि यह इंगित किया जा सके कि यहाँ यह काम होता है
Pune Red light Area
- Budhwar Peth: बुधवार पेठ पुणे का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध रेड लाइट एरिया है। यहाँ लगभग 5000 से ज्यादा सेक्स वर्कर हैं, जो वेश्यावृत्ति, डांस बार और मसाज पार्लर में काम करती हैं। यह जगह मध्य पुणे में है और यहाँ सेक्स वर्कर पर कई सामाजिक व आर्थिक दबाव होते हैं। इस इलाके में ब्लैक नाइट स्कैंडल्स और पुलिस छापे आम बात हैं।
- Ganga Jamuna: गंगा जमुना रेड लाइट एरिया बुधवार पेठ के पास स्थित है। यहाँ हर दिन करीब 20,000 लोग आते हैं और अनेक वेश्यालय, डांस बार और मसाज पार्लर चलते हैं। यहाँ के सेक्स वर्कर को ज्यादातर गरीब पृष्ठभूमि से लाया जाता है।
- Gokul Nagar: गोकुल नगर पुणे के एयरपोर्ट के पास है। यह इलाका वेश्यावृत्ति और होटल सर्विस के लिए जाना जाता है, जहाँ ग्राहक आसानी से आ सकते हैं। ब्लैक नाइट स्कैंडल्स यहाँ की आम समस्या है।
- Shivaji Nagar: शिवाजी नगर रेलवे स्टेशन के पास स्थित है। यहाँ 6000 से अधिक सेक्स वर्कर विभिन्न होटल, डांस बार व मसाज पार्लर में काम करती हैं।
- Sangamwadi: संगमवाड़ी भी पुणे का एक प्रमुख रेड लाइट एरिया है। यहाँ लगभग 5000+ सेक्स वर्कर और एस्कॉर्ट गर्ल्स ग्राहकों को सेवा देती हैं।
- Ganesh Peth: गणेश पेठ रेड लाइट एरिया के लिए प्रसिद्ध है और कई छोटे-बड़े वेश्यालय यहाँ फैले हैं।
- Shukrawar Peth: शुक्रवार पेठ पुणे का पुराना रेड लाइट ज़ोन है, जिसमें सैनिकों और यात्रियों के लिए वेश्यावृत्ति शुरू हुई थी।
History
पुणे में वेश्यावृत्ति का इतिहास पेशवा काल (18वीं सदी) से जुड़ा है। सबसे पहले यह कार्य शुक्रवार पेठ इलाके में शुरू हुआ था, जहां सैनिकों और यात्रियों की सेवा हेतु यह क्षेत्र विकसित हुआ। पेशवा बाजीराव के शासनकाल में शुकवार पेठ में “बावंखनी” नामक एक भवन बनाया गया था, जिसमें रॉयल कोर्ट की कोरटेसांस रहती थीं, जो राजपरिवार और मंत्रियों की सेवा करती थीं। बाद में ब्रिटिश काल में यह क्षेत्र पूरा रेड लाइट क्षेत्र बन गया और आम जनता भी इसका उपयोग करने लगी। आज यह क्षेत्र “बुधवार पेठ” के नाम से जाना जाता है, जो पुणे का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया है। महिलाएं मुख्यत: कर्नाटक, नेपाल, आंध्र, पश्चिम बंगाल, बिहार, असम और पूर्वोत्तर राज्यों से लाई जाती थीं
रेड लाइट एरिया से जुड़ी कुछ प्रसिद्ध स्थानीय कहानियाँ या डॉक्यूमेंट्री कौन-कौन सी हैं?
- सोनागाछी की कहानियाँ”: कोलकाता के सोनागाछी रेड लाइट एरिया की जीवन संघर्ष और यहाँ की वेश्याओं की जद्दोजहद पर आधारित डॉक्यूमेंट्री।
- “जीबी रोड का सच”: दिल्ली के गोल मार्केट इलाके की कहानी, जो भारत के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया में से एक है।
- “कामथीपुरा की सच्चाई”: मुंबई के इस बड़े रेड लाइट एरिया की सामाजिक, आर्थिक और मानवीय पहलुओं पर आधारित फिल्में और वीडियो।
- “रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट”: एम्स्टर्डम के रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट की ऐतिहासिक और सामाजिक स्थिति पर आधारित कई डॉक्यूमेंट्री।
- “जीवन और कलंक”: रेड लाइट एरिया में काम करने वाली महिलाओं की जिंदगी, उनके संघर्ष और समाज के नजरिये पर आधारित कहानियाँ।
- कई भारतीय और अंतरराष्ट्रीय फिल्म निर्माता और पत्रकार इस विषय पर विस्तार से काम कर चुके हैं, जिनकी रिपोर्ट्स और डॉक्यूमेंट्री लोकप्रिय हुई हैं।